अभी मैंने देखा
(अच्छे दिन)
उस ओर
जहाँ हाथ जोड़े, पैर फैलाये, बाल बिखराये,
खड़े हैं सड़क से तेईस फ़ीट ऊपर
उड़ने की मुद्रा में शांति के दूत,
मैने देखे
कुछ बेखबर लोग,
चुनावी बूथ के आगे रुके वो ... मचा शोर !
फूल वालों ने आगे बढ़
पहले बाँधा पैरों में उनके,
पिटी धुनों पर मरहम लगा
धुला चमकदार गीत,
फिर वोट मांगने वाले जुलूस के लिए
रास्ते की हर लाल बत्ती बुझा दी
शुद्ध नस्लों की सलामती के लिए
- बदल दिए सड़कों के नाम,
चौराहे के हर क़िस्से पर
- गश्त लगा दी
उस ओर,
जहाँ कनॉट प्लेस की ग्रीन बैल्ट पर
झंडों की ओट में
बदल रहे हैं देश के इश्तेहार,
मैंने देखा एक आदमी
चुनावी बूथ से निकला वो ... मचा शोर !
थूक रहे थे पीठ पर उसकी
फूल वालों के उल्टे मुंह,
उठ रहा था झंकार बीट की तर्ज़ पर
ज़मीन से तेईस फ़ीट ऊपर
पुतला उसका,
बजा रही थी हॉर्न
मुंसिपाल्टी की नीली गाड़ी,
जिसने जा-जा कर आज
सड़क की सारी नानस्ली जानों को जोड़ा,
उनके गले में पहले तो पट्टा डाला
फिर गोली दाग दी
अभी मैने देखा !